Happy_Monsoon

बारिश पड़े तो भागिए नहीं……. छत नहीं खोजिये…….. छाते कभी-कभार बंद रखिये…… किस बात का डर है……? भीग जायेंगे न………..? तो क्या हुआ…… पिघलेंगे नहीं.. … .फिर से सूख जायेंगे.. …. तेजाब नहीं बरस रहा है…….. आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी सूख जायेगी…. ब्रांड भी उसका Levis से Lebis नहीं हो जायेगा….. … मोबाइल पालीथिन […]

*”सीख”*

भोर के समय सूर्यदेवता ने अपना प्रसार क्षेत्र विस्तृत करना आरंभ कर दिया था. सत्य कुमार बालकनी में आंखें मूंदे बैठे थे, तभी किचन से उनकी धर्मपत्नी सुधा चाय लेकर आई । *“लो, ऐसे कैसे बैठे हो, अभी तो उठे हो, फिर आंख लग गई क्या? क्या बात है, तबियत ठीक नहीं लग रही है […]

खेल खेल में

#खेल_खेल_में खेल ना खेलें, परिवारों को, मत तोड़ें, सपने तेरे हैं माना, लेकिन उनने भी, सपनो को पाला, बच्चों से मत छीनो, उनके… बाबा दादी, मा बाप, कोई बोझ नहीं, प्यार करो, बच्चे देखेंगे, कल जब तुम बूढ़े होगे, वहीं संस्कार, पल्लवित होंगे…।।

Thats all about LIFE

Are we earning to pay builders and interior designers, caterers and decorators? Whom do we want to impress with our highly inflated house properties & fat weddings? Do you remember for more than two days what you ate at someone’s marriage? Why are we working like dogs in our prime years of life? How many […]

आर्ट ऑफ लिविंग

पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर जी कैंसर से जूझ रहे हैं, अस्पताल के विस्तर से उनका यह संदेश बहुत मार्मिक है, आप भी पढ़ें… “मैंने राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के अनेक शिखरों को छुआ ::: दूसरों के नजरिए में मेरा जीवन और यश एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं :::;::; […]

परिकल्पना

‘परिकल्पना’ ( hypothesis) तर्कपूर्ण होती है , परीक्षणीय होती है जो सुस्थापित होकर सिद्धांत बन सकती है , जबकि ‘कल्पना’ ( idea, fantasy) में मन की कोई भी उड़ान या उपज शामिल हो सकती है – चाहे वह दिवास्वप्न हो या कोई कविता या फिर कोई मॉडर्न आर्ट । # अब इस विषय को थोड़ा […]

जय श्री राम

श्रीराम नवमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। नौमी तिथि मधु मास पुनीता। सुकल पक्ष अभिजित हरिप्रीता॥ मध्यदिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा॥॥ आदर्श महापुरुष, मर्यादा पुरुषोत्तम एवं समस्त ऐश्वर्य से युक्त भगवान श्रीराम ने त्रेता युग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या में अवतार लेकर धर्म, पृथ्वी, […]

भगत सिंह

तुम गलत थे भगत!! ये देश आज भी गुलाम है. जहाँ सिर्फ़ पैसे को ही सलाम है.. यहाँ जनता गूँगी बैठी है.. यहाँ नेता बहरे बैठे हैं.. ताकत के गुरूर में कुर्सी पर ऐंठे बैठे हैं.. भगत तुम्हारी आज फिर महसूस होती जरूरत है.. एक और एहसान कर जाओ.. सोई जनता जगा जाओ.. फिर एक […]

अंतर्मन

*नित जीवन के संघर्षों से* *जब टूट चुका हो अन्तर्मन,* *तब सुख के मिले समन्दर का* *रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।* *जब फसल सूख कर जल के बिन* *तिनका -तिनका बन गिर जाये,* *फिर होने वाली वाली वर्षा का* *रह जाता कोई अर्थ नहीं ।।* *सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन* *यदि दुःख में साथ […]